Title : Top 15 philosophies of world in Hindi (सरल भाषा में)
दोस्तो,
हम सबने कभी न कभी philosophy (दर्शन शास्त्र ) के बारे में सुना होता है।
Philosopher और thinkers को सारी दुनिया बहुत सम्मान की नजरों से देखती है।
क्युँकि उन्होंने अपने knowledge से लोगों को नयी राह दिखाई होती है।
समाज में महत्वपूर्ण बदलाव किये होते हैं।
लेकिन philosophy को समझना आसान भी नहीं होता।
क्युँकि philosopher बहुत गूढ़ शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
जिन्हे सामान्य भाषा का प्रयोग करने वाले लोग नहीं समझ पाते।
कई बार तो बड़े -बड़े scholars भी इन philosophies को नहीं समझ पाते, क्युँकि
इन्हे एक से ज्यादा तरह से interpret किया जा सकता है।
इसी को मद्देनजर रखते हुए, इस article में हमने world की top 15 famous philosophies को
बहुत ही सरल ढँग से समझाने की कोशिश की है।
इस article को पढ़कर आप भी कुछ ही समय में Philosophy में B.A कर लोगे।
खैर degree न सही उनके जैसा ज्ञान तो पा ही लेंगे।
एक और अच्छी बात यह है कि इन सबको याद रखने की लिए हमने Mnemonics यानि memory tricks
भी दिए हैं।
जिनकी मदद से आप philosophy, उस से सम्बंधित philosopher और उसके मुख्य सिद्धांत को
हमेशा याद रख पाएँगे। और कभी भी नहीं भूलेंगे।
अगर कभी group discussion में आप इन philosophy के बारे में discuss करेंगे तो आप भी intelligent
लोगों की श्रेणी में आ जायेंगे।
Philosophy क्या है :
Philosophy दो शब्दों की योग से बना है। Phil + sophy
Phil का मतलब होता है प्यार।
और Sophy का मतलब है – आत्मा
तो Philosophy का मतलब हुआ ऐसी चीज जिसे आपकी आत्मा प्यार करे।
लेकिन आत्मा किस चीज से प्यार करती है?
तो वो है knowledge और सच्चाई।
इंसान सारी जिंदगी इन दो चीजों को ही इकट्ठा करता है।
आप जो भी काम करते हैं उसे तभी कर पाते हैं क्युँकि आपने पहले उसका ज्ञान हासिल किया है ।
जैसे बाइक चलाना, खाना बनाना, dance , पढ़ना इत्यादि।
लेकिन यह सब तो basic knowledge हुआ।
मगर Philosophy में हम ऐसा knowledge ढूँढते हैं जो दुनिया में मौजूद तो है लेकिन आम लोगों को नहीं दिखता।
तो Philosopher का यही काम होता है।
वो पहले उस अदृश्य knowledge या सच्चाई को खुद देखता है। और फिर सारे लोगों को दिखाता है।
आइये अब देखते हैं कि सँसार की top 15 philosophies कौन सी हैं।
उनके क्या सिद्धांत हैं। और उन्हें किन philosophers ने सृजित या प्रचारित किया है।
1) Solipsism
इस philosophy के अनुसार कोई भी व्यक्ति सिर्फ ये जान सकता है कि वो exist करता है।
लेकिन बाहर का संसार exist करता है या नहीं, इसके बारे में नहीं जाना जा सकता।
Descarte ने कहा था – Everything is a dream। मतलब जिसे हम life मान रहे हैं, हो सकता है कि वह
सिर्फ सपना हो।
क्युँकि सपने में भी तो हम लोगों को चलता -फिरता देखते हैं।
Reality को भी अलग-अलग लोग अलग तरीके से महसूस करते हैं।
कुछ लोग कहते हैं कि classical music सुनकर उन्हें परम सुख की अनुभूति होती है।
लेकिन उसी music को सुनकर teenagers भाग जायेंगे।
तो reality क्या है?
Classical music सच में अच्छा है या बुरा – यह जाना नहीं जा सकता।
यह philosophy Gorgias ने दी थी।
लेकिन Descarte ने भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
(याद रखने का तरीका – Solipsism से slope ले लीजिये। Descarte से देसी cart ले लीजिये।
तो memory trick बना सकते हैं – पहाड़ी की slope पर एक देसी cart में Descarte सो रहा था और dream देख रहा था।।
इस से आपको याद रहेगा कि Solipsism, Descarte से related है। और इसमें reality को dream माना जाता है। )
2) Determinism
Determinism का मतलब है – निश्चित होना।
यह philosophy कहती है कि हमारे सारे Actions, thoughts या decision पहले ही past की घटनाओं से निश्चित हो जाते हैं।
जैसे कोई सफल क्यों होना चाहता है?
हो सकता है उसने गरीबी का दुःख झेला हो।
हो सकता है घर में ताने सुने हों। इसलिए वो सफल होना चाहता है।
कुछ लोग religious determinism को भी मानते हैं।
जिसके according तकदीर में पहले ही लिखा होता है।
अब आदमी के चाहने से कुछ नहीं होगा।
वो कितनी भी कोशिश कर ले उसे किस्मत से ज्यादा नहीं मिलेगा।
इस philosophy का श्रेय किसी एक आदमी को नहीं दिया गया है। बहुत से लोगों ने समय-समय पर इसका प्रचार किया है।
3) Utilitarianism
John Stuart Mill को इस philosophy का सबसे बड़ा contributor माना जाता है।
Utility का मतलब है – उपयोग।
इस philosophy के according कोई भी काम करने से पहले यह देखना चाहिए की उसकी utility (उपयोग) क्या है।
अगर आप ऐसा काम कर रहे हैं जिस से बहुत से लोगों का भला हो, तो ही उस काम को अच्छा माना जायेगा।
यह theory politics में बहुत use होती है।
जब भी कोई नेता कोई policy लाता है तो यह देखा जाना चाहिए कि उस policy से कितने ज्यादा लोगों का भला हो रहा है।
लेकिन कई बार ऐसी policies लायी जाती हैं जिनसे एक वर्ग का तो भला होता है लेकिन दूसरे बहुत बड़े वर्ग के लोगों का बुरा हो जाता है।
इस तरह की policy या काम को कभी भी अच्छा नहीं बोला जा सकता ।
इसलिए काफी-सोच विचार कर के कोई बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए।
Mnemonics = Mill लगाने से सबकी utility पूरी होती है
Mill – John Stuart Mill
Utility – utilitarian
4) Epicureanism और Hedonism
यह philosophy Epicurean ने दी थी।
उसे Morality और divinity पर कोई विश्वास नहीं था।
उसके मुताबिक life का एकमात्र उद्देशय – आनंद पाना है।
सबको दुःख-दर्द वाली situation से दूर रहना चाहिए।
जितना आनंद पा सको पाओ।
Epicure के अनुसार सबसे ज्यादा आनंद – Knowledge, मित्रता , गुणों, भोजन और sex से मिलता है।
आज की date में हर immoral आदमी को hedonist बोला जाता है।
ऐसे लोग हर वक़्त पार्टी करते रहते हैं। दारू और दूसरे नशों में डूबे रहते हैं।
या बहुत ज्यादा भोग-विलास करते हैं।
इस philosophy को negative तरीके से देखा जाता है।
Hedonist लोगों को स्वार्थी भी माना जाता है।
क्युँकि उन्हें सिर्फ अपने pleasure की चिंता होती है। दूसरे की पीड़ा को वे समझना ही नहीं चाहते।
Mnemonics = Epicurean हमेशा happy (एपी) रहना चाहता है।
Happy – Epi
Top 15 philosophies of world in Hindi
5) Positivism
इस Philosophy का श्रेय Auguste Comte को दिया जाता है।
इसके according सच्चा knowledge केवल scientific knowledge है।
जिसे theory बनाकर और experiment करके ढूँढा जाता है।
जब result positive आते हैं तभी उस knowledge पर सबको यकीन होता है।
जैसे Oxygen और God दोनों ही नहीं दिखते हैं।
Oxygen को तो scientific method से prove किया जा चुका है।
लेकिन God की existence अभी सिद्ध नहीं हुई है।
( Mnemonics – August महीने में positive result आये थे। जिस से नया knowledge मिला था। )
6) Absurdism
Absurd का मतलब होता है – बकवास।
इस philosophy के अनुसार life में जो भी कार्य हो रहे हैं वे बकवास यानि absurd हैं।
उनका कोई भी अर्थ नहीं है।
अगर अर्थ है भी तो उसे ढूँढ़ने की जरुरत नहीं है।
क्युँकि अर्थ मिल भी गया तो क्या हो जायेगा।
जैसे आप स्कूल,कॉलेज जा रहे हैं। अगर नहीं भी जायेंगे तो क्या life खत्म हो जाएगी !
ऐसा होता तो किसान कैसे लम्बी उम्र जीते हैं।
बहुत से किसान स्कूल – कॉलेज नहीं जाते।
पढ़े- लिखे लोगों को हम महान समझते हैं लेकिन जरुरी नहीं है कि वे बहुत अच्छे होंगे।
कई बार कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति माँ -बाप की ज्यादा सेवा करता है।
जो लोग सोचते हैं कि BMW गाड़ी मैं बैठने से उन्हें ख़ुशी मिलेगी तो ऐसा सोचना भी बकवास है।
मान लीजिये कोई उद्दोगपति BMW में बैठा है। लेकिन उसके बॉडीगार्ड अगर एक भी पल के लिए दूर हो जाते हैं।
तो उसकी हालत का अंदाजा आप लगा ही सकते हैं।
जबकि एक गरीब झोपडी में, माँ के हाथों से रोटी खा रहा बच्चा दिल से खुश होगा।
इस तरह life में बहुत सी चीजों का गलत मतलब निकल दिया गया है।
हकीकत में यह सब सब बकवास है।
इस philosophy का श्रेय Albert Cammu को दिया जाता है। उनका नावेल stranger इसी philosophy पर based है।
जो world-famous है।
(Mnemonics – Albert Cammu का उपन्यास stranger बहुत ही absurd है। )
7) Objectivism
इस Philosophy के अनुसार इंसान एक rational being है। अर्थात वह सोचने -समझने की ताकत रखता है।
और वह अपने हर काम को करने की choice रखता है।
उसके पास choice है कि वो खुद को खुश रखे।
इसके लिए वो अलग-अलग तरीकों से धन-दौलत कमाता है।
लेकिन समाज इंसान पर अपनी philosophy लाद देता है।
जैसे लड़कियाँ fashionable कपडे पहनना चाहें तो समाज टोकने लगता है।
कोई आदमी एक religion follow करता है तो दूसरे religion वाले उसे criticize करने लगते हैं।
ऐसे examples बहुत भरे पड़े हैं।
यह theory Ayn Rand ने दी थी।
(Mnemonics – Ayn Rand की rational choice को दूसरों ने Object किया था )
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8) Secular Humanism
यह Philosophy ईश्वर के concept को reject करके human के concept पर चलती है।
इसके अनुसार God ने किसी भी चीज को नहीं बनाया है।
Morality, truth, पाप – पुण्य को ईश्वर ने बनाया ही नहीं है। यह सिर्फ इंसानी दिमाग कि उपज है।
इन सब चीजों पर अँधा -विश्वास नहीं करना चाहिए।
बल्कि हर चीज को reason और logic से समझने कि कोशिश करनी चाहिए।
Secular का मतलब है हर किसी को अपने ढँग से जीने का अधिकार।
इंसान को अपना भोजन, कपडे, रीति-रिवाज, धर्म आदि चुनने का अधिकार खुद होना चाहिए।
लेकिन क्या ऐसा होता है?
कभी नहीं।
पैदा होते ही इंसान पर सब कुछ उसकी मर्जी के बिना ही लाद दिया जाता है।
अगर आप हिन्दू के यहाँ पैदा हो गए तो आपको वो सब करना पड़ेगा जो आपका परिवार या आस -पास का समाज कर रहा है।
फिर आपकी चाहे उसमें रूचि हो या न हो।
जैसे आप अगर ब्राह्मण के घर पैदा हुए हैं तो हो सकता है जन्म से ही आपको non-veg खाना वर्जित कर दिया जाये।
सिर्फ यह कहकर की यह पाप है। और ईश्वर इस से क्रोधित होंगे।
लेकिन हो सकता है आपमें उसे पसँद करने वाले taste -bud और sense हो।
इस तरह यह philosophy reason और logic पर चलने को कहती है।
लेकिन आप जानते ही हैं कि secularism का प्रयोग राजनीति करने वाले किस तरह से करते हैं !
Friedrich Nietzsche और Richard Dawkins इस philosophy के समर्थक थे।
(इसे याद रखना आसान है। इसलिए Mnemonics नहीं दी जा रही। )
9) Stoicism
Stoic का मतलब होता है सन्यासी या फ़क़ीर ।
यह philosophy पुराने समय में Greece और Rome में प्रचलित हुई थी।
आज के टाइम में जो लोग बहुत stress वाले माहौल में जीते हैं वे इसे follow करते हैं।
Stoicism कहता है कि दर्द हो या खुशी दोनों से ही आपको फर्क नहीं पड़ना चाहिए।
आपको दर्द और पीड़ा को सहन करना चाहिए।
क्युँकि इस से आप अंदर से strong हो जाते हो।
जैसे सन्यासी या फ़कीर को सर्दी – गर्मी, गरीबी, बेरोजगारी की कभी चिंता ही नहीं होती।
दूसरे लोग इन सब चीजों को दुःख या दर्द से जोड़ कर देखते हैं।
कुछ लोग तो जरा सी बात पर दुखी हो जाते हैं। यहाँ तक कि suicide तक कर लेते हैं।
लेकिन फ़कीर हर हाल में खुश रहते हैं।
उनका न घर होता है। न जमीन जायदाद।
आजकल बहुत से खिलाडियों को भी ये philosophy सिखाई जाती है।
क्युँकि training के दौरान उन्हें बहुत कष्टों और पीड़ा से गुजरना पड़ता है।
Stoicism की help से वे पीड़ा को सहन करना सीखते हैं।
और धीरे-धीरे strong बन जाते हैं।
(Mnemonics – मेरा दोस्त stoic बन गया है। किसी की negative बात का उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता)
10) Nihilism
यह philosophy Nietzsche ने दी थी।
Nihil का मतलब है zero। यानि कुछ नहीं।
इस philosophy के according life का कोई मतलब नहीं है।
हमारे goal, moral values, सच – झूठ इन सबका कोई मतलब है ही नहीं।
हम पैदा होते हैं। फिर बड़े -बड़े goal बना लेते हैं।
लेकिन अगर हम कुछ न भी करें तो भी जिंदगी पूरी करके मर ही जायेंगे।
राजा हो या रंक अंत में उसे मरना ही है।
जंगल के पशु जीवन में क्या achieve करते हैं।
न उनके goal होते हैं न moral value। उनके पास तो कल का भी भोजन नहीं होता।
बस कुदरत के भरोसे सब चलता है।
कहीं -कहीं यह philosophy सच भी जान पड़ती है।
जैसे कई बार अच्छे लोगों को cancer जैसी बीमारी हो जाती है। जबकि बुरे काम करके भी लोग मंत्री आदि बन जाते हैं।
ऐसे में समझ नहीं आता कि धर्म – कर्म या morality की बातें सच में कोई मायने रखती हैं या नहीं।
यहाँ यह भी बता दें कि Nietzsche ने यह philosophy दी जरूर थी लेकिन खुद वे Nihilist नहीं थे।
( Mnemonics : Nietzsche जी के philosophy में Nil marks आये थे )
Nil = Nihilism )
11) Existentialism
यह philosophy Soren Kierkegaard ने दी थी।
यह Nihilism से एकदम उल्टी है।
यह प्रश्न उठती है कि इंसान आखिर exist क्यों करते हैं ?
उनका क्या मकसद है ?
माना Nihilism के मुताबिक life का कोई मतलब नहीं है। लेकिन ऐसे में क्या करें।
चुपचाप बैठे रहें ?
Existentialism के according लाइफ का मतलब अपना मकसद ढूँढना है।
यहाँ job करने या परिवार पालने को मकसद नहीं कहा जा सकता।
यह मकसद आपके दिल की आवाज होता है। जिसे सिर्फ आप सुन और समझ सकते हैं।
Human में pain और pleasure की sense होती है।
यानि वो आनंद और पीड़ा महसूस कर पाता है।
इन दोनों senses का प्रयोग करके उसे जो अच्छा लगे वो करना चाहिए।
उसे दूसरों की थोपी हुई philosophy या विचारों पर चलने की जरुरत नहीं है।
बल्कि उसे यह देखना चाहिए, कि उसे किस चीज में सच्चा आनंद मिलता है।
और किस चीज से दर्द मिलता है।
अपनी philosophy या रास्ता उसे खुद चुनना चाहिए।
उसे लाइफ में नए experiment या खोज करते रहना चाहिए।
इंसान इसीलिए exist करता है।
Mnemonics : Gaurd Exist करता है। वो gate पर चौकीदारी करता है।
Gaurd = Kierkegaard
Exist = Existentialism
12) Taoism
ये philosophy Chinese philosopher Lao-Tzu ने दी थी । जो उनकी किताब Tao Te Ching में मिलती है।
इसके अनुसार सच्ची खुशी Humility यानि विनम्रता से मिलती है।
अगर आप दूसरों के प्रति दयालु रहेंगे तो लोग भी आपका कभी बुरा नहीं चाहेंगे।
इसके साथ ही इंसान को सादगी और प्राकृतिक तरीके से जीना चाहिए।
न कि show -off करके या बनाबटी तरीकों से।
सच में आज आदमी इतना advance हो गया है लेकिन बहुत से लोग depression और anxiety में जीते रहते हैं।
ऐसे में इस तरह की philosophy संजीवनी का काम कर सकती है।
Mnemonics – Taau थोड़ी humility lao। इतना गुस्सा क्यों करते हो।
Taau = Tao
Humility = Humilty
Lao = Lao
इस से आपको याद रहेगा के – Taoism, Lao ने दिया था। और उसमे humility पर main focus किया जाता है।
(Top 15 philosophies of world in Hindi, top philosophers of world )
13) Marxism
यह philosophy जर्मन दार्शनिक Karl Marx ने दी थी।
इस philosophy के अनुसार पूँजीपति पैसे की ताकत से हर चीज पर अपना control कर लेते हैं।
जैसे किसान से कपास तो सस्ते में लेते हैं। लेकिन फिर उसी का कपडा बनाकर वापस उन्हें ही महँगे दामों पर बेचते हैं।
जंगल काट कर कोयला निकाल ले जाते हैं।
जबकि उस कोयले पर उस देश कि हर निवासी का अधिकार होता है।
ऐसा वे हर क्षेत्र में करते हैं।
इसमें politicians उनकी मदद करते हैं।
वे सारी policies उनके हित में बनाते हैं।
इसके अलावा ये पूँजीपति मजदूरों का आर्थिक, शारीरिक और मानसिक शोषण भी करते हैं।
देखा जाये तो सारे इंसान बराबर हैं।
कुदरत ने कुछ भी भेद-भाव नहीं किया है।
लेकिन capitalism की वजह से समाज में एक गहरी खाई पैदा हो जाती है।
इसी philosophy के सिद्धांतों पर communism भी based है।
लेकिन जब उसमे politicians घुस गए तो Karl Marx के असली विचारों को तोड़- मरोड़ कर पेश कर दिया गया।
वे सब पूंजीपतियों का विरोध करने लगे।
लेकिन ऐसा भी नहीं है कि हर अमीर आदमी बुरा होता है।
ऐसे भी पूंजीपति हैं जो पहले खुद गरीब थे।
लेकिन politician बहुत manipulative होते हैं।
वो किसी भी philosophy या विचार-धारा को तोड़ -मरोड़ कर अपने स्वार्थ के लिए इस्तमाल करते हैं।
14) Rationalism
यह philosophy भी बहुत से लोगों ने प्रचारित की है।
इस philosophy के अनुसार लोगों को सिर्फ सोच -विचार करके knowledge ढूँढना चाहिए।
किसी भी scientific evidence की जरुरत नहीं है।
लेकिन इस philosophy का Strawson ने विरोध किया था और कहा था – हाँ, घर में bed पर लेट कर हर चीज सोचते रहो , बाहर मत जाओ, कोई experiment मत करो, और आपको अपने -आप science का सारा ज्ञान मिल जायेगा।
लेकिन कुछ हद तक philosophy सही भी है।
Einstein ने सिर्फ दिमाग से सोच कर अपने scientific theories दी थीं।
लेकिन हाँ बाद में उन पर experiment किये थे।
तो दोनों चीजें करने चाहियें। पहले सोच -विचार और फिर experiments ।
इस philosophy को तो आप आसानी से याद रख सकते हैं। इसके लिए Mnemonics की जरुरत नहीं है।
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15) Relativism
इस philosophy में प्रमुख योगदान Robert Nozick का है।
इसके according हर चीज दूसरे के relation में ही देखी जाती है।
धूप है तो छाँव होगी।
Good है तो evil भी होगा।
रात है तो दिन भी है।
दुःख है तो दर्द भी है।
Intelligence है तो stupidity भी है।
Order है तो chaos भी है।
इस तरह हर चीज को किसी दूसरी चीज के relation में देखा जाना चाहिए।
इस philosophy को लाइफ की situations या politics में भी लगाया जा सकता है।
जैसे किसी को तभी मारना चाहिए जब उसकी वजह से किसी निर्दोष को बचाया जा रहा हो।
किसी policy का विरोध तभी किया जाना चाहिए जब उस से अच्छी चीज का समर्थन होता हो।
Mnemonics: Robot को अपना realtive मिल गया
Robot = Robert
Relative = Relativism
समाप्त।
तो दोस्तो ये थीं, world की टॉप 15 philosophies .
कहीं पर भी बात -चीत आदि में अगर इनमे से एक दो के बारे में भी आप जिक्र केर दें तो सामने वाला आपसे प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगा।
इन सब summaries को हिंदी में लिखने के लिए बहुत effort लगता है।
इसलिए कृपया करके article को like और share करके प्रोत्साहन दें।
महती कृपा होगी।
धन्यवाद।
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